वृक्ष माता कही जाने वाली तुलसी गौड़ा का सोमवार को निधन हो गया।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों के सामने उन्होंने नंगे पैर और आदिवासी वेशभूषा में पद्मश्री सम्मान हासिल किया था।
तुलसी गौड़ा हलक्की समुदाय से आती थीं। वह 86 साल की थीं और वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से पीड़ित थीं। सोमवार को उत्तर कन्नड़ जिले के अंकोल तालुक स्थित गृह गांव हंनाली में उन्होंने अंतिम सांस ली।
बताते हैं कि तुलसी गौड़ा ने छोटी उम्र में ही वन विभाग की पौध नर्सरी में काम करना शुरू कर दिया था। बचपन में वह अक्सर नर्सरी जाया करती थीं।
पौधे लगाना उन्हें बहुत ज्यादा पसंद था। इस काम को वह बड़े आनंद के साथ करती थीं।
अंकोला और उसके आसपास के इलाकों में हजारों पेड़ लगाए गए हैं, जिसका श्रेय तुलसी गौड़ा को जाता है।
उनकी ओर से लगाए गए कई पौधे वर्षों बीतने के बाद काफी लंबे हो गए हैं। वह पद्मश्री के अलावा इंदिरा प्रियदर्शिनी वृक्ष मित्र पुरस्कार से भी सम्मानित हुई थीं।
सोनिया गांधी के सहायक रहे पीपी माधवन का निधन
वहीं, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी के लंबे समय तक सहायक रहे पीपी माधवन का सोमवार को निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे।
सूत्रों ने बताया कि माधवन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे और हृदयाघात के कारण उनका निधन हो गया।
माधवन ने सोनिया गांधी के सहायक के रूप में कई वर्षों तक काम किया। इससे पहले उन्होंने राजीव गांधी के साथ अपनी सेवा दी थी।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने माधवन के निधन पर दुख जताया। वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘अत्यंत दुःख और पीड़ा के साथ हम माधवन के दुखद निधन के बारे में सूचित कर रहे हैं।
उन्होंने दशकों तक नि:स्वार्थ भाव से पार्टी की सेवा की। उन्हें उनकी सेवा और समर्पण के लिए हमेशा याद किया जाएगा।’