कनाडा की पुलिस ने भारतीय अधिकारियों पर सवालिया निशान लगाते हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का जिक्र किया।
भारत की तरफ से अपने राजनयिकों को वापस बुलाने के कुछ घंटों बाद ही RCMP यानी रॉयल कनेडियन माउंटेड पुलिस ने आरोप लगाए हैं कि भारत सरकार के एजेंट्स कनाडा में आतंक फैलाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, RCMP के सहायक आयुक्त ब्रिगिट गौबिन ने आरोप लगाए, ‘हमने देखा है कि संगठित अपराध तत्वों का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसका जिम्मेदार खासतौर से एक गैंग है…।
बिश्नोई गैंग भारत के एजेंट्स के साथ जुड़ा हुआ है।’ भारत ने कनाडा के ‘बेबुनियाद आरोपों’ को खंडन किया और चेतावनी भी दी है कि जवाब में उसके पास भी आगे कदम उठाने का अधिकार है।
इससे पहले वॉशिंगटन पोस्ट में एक खबर प्रकाशित हुई थी, जिसमें बीते साल सिख अलगाववादी की हत्या का जिक्र था। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि भारत सरकार ऐसे ऑपरेशन के लिए लॉरेंस बिश्नोई का इस्तेमाल कर रही है।
रिपोर्ट में आरोप लगाए गए थे कि कनाडा में भारतीय राजनयिक संदिग्ध सिख अलगाववादियों की खुफिया जानकारी जुटाते हैं, जिसे बाद में RAW को दे दिया जाता है। ताकि बिश्नोई की अगुवाई वाली गैंग के लिए निशाने की पहचान की जा सके।
कनाडा पुलिस ने लगाए ये आरोप
RCMP आयुक्त माइक डुहीम ने कहा, ‘इस सप्ताह फेडरल पुलिस के उपायुक्त मार्क फ्लिन ने हिंसक चरमपंथ पर चर्चा और कनाडा में आपराधिक गतिविधियों में भारत सरकार के एजेंट्स के शामिल होने से जुड़े सबूत पेश करने के लिए अपने भारतीय समकक्षों से मिलने की कोशिश की थी।
ये प्रयास बेकार रहे। इसलिए उपायुक्त फ्लिन राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नैथेली ड्रोइन, विदेश मामलों के उपमंत्री डेविड मॉरिसन के साथ भारत सरकार के अधिकारियों से मिले।’
गौबिन ने कहा कि सितंबर 2023 से लेकर अब तक उन्होंने कम से कम 13 लोगों के चेतावनी दी है कि उनकी जान को खतरा है।
उन्होंने कहा, ‘हत्या के मामले में करीब 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, कम से कम 22 लोगों को जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इनमें से कुछ लोगों के तार भारत सरकार के साथ जुड़े हुए हैं।’
भारतीय राजनयिकों को लेकर उन्होंने आरोप लगाए, ‘जांच से पता चला है कि भारतीय राजनयिक और कनाडा में कॉन्सुलर के अन्य अधिकारियों ने अपने पद का फायदा उठाते हुए गुप्त गतिविधियों में भाग लिया, जिनमें प्रत्यक्ष या सहयोगियों की मदद से भारत सरकार के लिए जानकारी जुटाना शामिल है।’