सरकार से बाहर रहना चाहते हैं एकनाथ शिंदे, उनके करीबी विधायक ने गांव जाने की भी बताई वजह…

महाराष्ट्र में महायुति को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी अब तक सरकार नहीं बन पाई है।

दरअसल मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी अटकलों का बाजार ही गर्म है।

शिवसेना नेता और कार्यकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के रुख बदलने की वजह से सीएम पद पर सस्पेंस खत्म ही नहीं हो रहा है।

इसी शिंदे गुट के नेता भरत गोगावले ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे ने हमसे चर्चा की, जिसमें उन्होंने कहा, मैं सरकार से बाहर रहकर काम करना चाहता हूं।

एकनाथ शिंदे ने चुनाव परिणाम के बाद स्पष्ट कहा था कि उनकी वजह से सरकार बनने में कोई बाधा नहीं आएगी। वहीं सीएम पद पर फैसला ना होने की वजह से कांग्रेस भी तंज कसने से चूक नहीं रही है।

चंद्रशेखर बावनकुले ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि नई सरकार का शपथ ग्रहण 5 दिसंबर को होगा, लेकिन महायुति का नेता कब चुना जाएगा यह अभी भी तय नहीं है।

गोगावले ने दावा किया, हम सभी ने जोर देकर कहा, आपको सत्ता से बाहर नहीं रहना चाहिए बल्कि सत्ता में रहते हुए काम करना चाहिए। इसके बाद वह दो दिनों के लिए गांव चले गए। उन्होंने कहा कि उन्हें थोड़ा आराम करना चाहिए और विचार करने का मौका मिलना चाहिए।

गोगावले ने कहा कि अब फैसला एकनाथ शिंदे के हाथ में है। वह जो भी फैसला करेंगे हम सबको स्वीकार होगा। गोगावले ने यह भी कहा कि महायुति के अंदर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है।

इसी बीच रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे खुद देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी नहीं बनना चाहते। वहीं वह बेटे श्रीकंत शिंदे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने के प्रस्ताव रख सकते हैं। श्रीकांत फिलहाल लोकसभा सांसद हैं।

एकनाथ शिंदे ने यह कहकर माहौल गर्म कर दिया है कि जनता सीएम के रूप में उन्हें ही देखना चाहती है। उन्होंने कहा, मैंने जनता के लिए काम किया है और मैं जनता का सीएम हूं।

इसलिए लोगों का मानना है कि मुझे मुख्यमंत्री बनना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी विधायक दल की बैठक मंगलवार को हो सकती है। दिल्ली से ऑब्जर्वर मुंबई पहुंचेंगे और इसके बाद सीएम के नाम का ऐलान हो जाएगा।

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