महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने चुनाव आयोग और भाजपा पर चुनाव में कथित ‘धांधली’ का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है।
मंगलवार को शरद पवार गुट के नेता प्रशांत जगताप ने इसकी जानकारी दी। एनसीपी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार, आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल और जाने-माने वकील एवं कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी के बीच यहां हुई एक बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की गई।
विपक्षी गठबंधन का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के पक्ष में ईवीएम में कथित गड़बड़ी हुई जिसके कारण वह महाराष्ट्र में चुनाव हार गया।
बैठक के दौरान केजरीवाल ने दिल्ली में मतदाता सूची से संबंधित अपनी चिंताओं को उठाया, जहां अगले साल की शुरूआत में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।
प्रशांत जगताप ने एएनआई को दिए बयान में कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा भाजपा को जिताने के लिए जो धांधली की गई, उसके खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेंगे। हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है और हम उम्मीद करते हैं कि शीर्ष अदालत हमारे पक्ष में और घोटाले के खिलाफ फैसला सुनाएगी।
इससे पहले निवार्चन आयोग (ईसीआई) ने कहा था कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में डाले गए वोट और ‘वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीपीपैट) पर्चियों के मिलान में कोई भी गड़बड़ी नहीं पाई गई। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में औचक तरीके से चुने गए मतदान केंद्रों से वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती सफलतापूर्वक पूरी हुई।
विपक्षी गठबंधन ने एनडीए पर हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान चुनावी धांधली का आरोप लगाया है और कहा है कि सरकार को लाभ पहुंचाने के लिए प्रक्रिया में हेराफेरी की गई।
बता दें कि ईवीएम विपक्षी भारतीय ब्लॉक और एनडीए के बीच एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। विपक्ष ने कई मौकों पर भाजपा पर मनचाहा परिणाम पाने के लिए चुनाव में धांधली करने का आरोप लगाया है।
चुनाव परिणामों पर इंडिया ब्लॉक क्यों खफा
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद इंडिया ब्लॉक असंतुष्ट इसलिए है, क्योंकि कुछ एग्जिट पोल में विपक्ष को व्यापक जनादेश मिलने की भविष्यवाणी की गई थी।
जबकि हरियाणा की 90 सीटों में भाजपा ने बंपर 48 सीटें जीती, जबकि कांग्रेस को केवल 37 सीटें ही मिल सकीं। एग्जिट पोल के बाद जलेबियों का ऑर्डर दे चुकी कांग्रेस को मतगणना के बाद शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी।