मुंबई में दादर रेलवे स्टेशन के बाहर 80 साल पुराने भगवान हनुमान मंदिर को ध्वस्त करने के लिए जारी नोटिस पर रोक लग गई है।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के हस्तक्षेप के बाद यह कदम उठाया गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गत 4 दिसंबर को मध्य रेलवे ने मंदिर के ट्रस्टियों को नोटिस जारी किया था, जिसमें दावा किया गया कि मंदिर का निर्माण अवैध है।
इससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित होने के साथ ही यात्रियों को असुविधा हो रही है। नोटिस में सात दिनों के भीतर मंदिर को हटाने का आदेश दिया गया था।
पूर्व मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के प्रतिनिधिमंडल के साथ मध्य रेलवे के अधिकारियों से मुलाकात की।
साथ ही, मामले को सुलझाने के लिए उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की और उनके प्रयास सफल रहे।
उन्होंने कहा, ‘रेल मंत्री ने मंदिरों पर ध्वस्तीकरण के आदेश को रद्द करने का फैसला किया है। लोग वहां हमेशा की तरह पूजा कर सकेंगे। हम अब वहां आरती भी करने जा रहे हैं।’
आदित्य ठाकरे ने की महाआरती
मंदिर को गिराने के लिए रेलवे के नोटिस जारी करने को लेकर हुए विवाद के बीच शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने शनिवार को दादर स्टेशन के बाहर स्थित हनुमान मंदिर में महाआरती की।
आदित्य ठाकरे शाम को मंदिर पहुंचे और महाआरती की। इस दौरान उनके साथ पार्टी नेता अनिल देसाई, संजय राउत और कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
इससे पहले, पत्रकारों से बात करते हुए आदित्य ने इस मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वह हिंदुत्व की विचारधारा का इस्तेमाल केवल वोट पाने के लिए करती है।
उन्होंने कहा कि रेलवे ने तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगा दी है, लेकिन उसे नोटिस वापस लेना चाहिए।