दुर्ग/श्रीमति दामिनी साहू को “शिरोमणि पुरस्कार” से सम्मानित,अखिल भारतीय प्रतिभा प्रेरणा महासम्मेलन – 2025, मुंबई में भव्य आयोजन मे सम्मानित क़िया गया

दुर्ग/देश की विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली विभूतियों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित क़िया अखिल भारतीय प्रतिभा प्रेरणा महासम्मेलन 2025 को भारत रत्न लता मंगेशकर नाट्यगृह, मीरा रोड (पूर्व), मुंबई में आयोजित हुआ। इस आयोजन में भिलाई जिला दुर्ग श्रीमती दामिनी साहू को “शिरोमणि पुरस्कार” से सम्मानित किया गया। श्रीमती दामिनी साहू विगत 15 वर्षो से सामाजिक, शैक्षणिक एवं महिला सशक्तिकरण व बच्चों के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे अपना सपना महिला स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष वी ngo भी चलाती है से पहचान का प्रमाण है। वर्तमान मे बिहान आजीविका मिशन छत्तीसगढ़ के महिला समूहों को उद्यमिता पर मास्टर ट्रेनर के रूप मे प्रशिक्षण दे रही है। इस महासम्मेलन का उद्देश्य भारत के विविध राज्यों की प्रतिभाओं, समाजसेवियों, कलाकारों, शिक्षाविदों और नवप्रवर्तकों को एक मंच पर लाकर उनके योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित करना है। इस आयोजन में पुस्तक विमोचन, पुरस्कार वितरण और कला-संस्कृति की विविध प्रस्तुतियाँ हुई। इस सम्मेलन की अध्यक्षता कृष्णाजी माघुडेरे, जो सामाजिक संस्था एवं बालाजी एजुकेशन ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष रहे। कार्यक्रम में प्रमुख उपस्थिति रहे। डॉ. कोठिवाले गायकवाड़, अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी,
संतोषराज बाणेर, अध्यक्ष राष्ट्रवादी ओबीसी सेल,
भगवानदास पाटिल, पूर्व विधायक एवं सामाजिक कार्यकर्ता।
मुख्य अतिथियों में शामिल हैं:
डॉ. विजय दीक्षित, वरिष्ठ सेक्सोलॉजिस्ट, मुंबई,
एड.(डॉ.) सीपी कुथारे,वरिष्ठ अधिवक्ता, नागपुर,पं. विनोद जाधव, ज्योतिषाचार्य, नासिक,
प्रो.(डॉ.) जीके ठक्कर,निदेशक इंटरनेशनल चैंबर ऑफ मीडिया एंड एंटरटेनमेंट,डॉ. डीके ठाकुर, शिक्षाविद, मुंबई,डॉ. राजश्री भट, अध्यक्ष भारतीय नारी परिषद, नागपुर,डॉ. एसएल ठाकुर, निदेशक पीपल्स यूनिवर्सिटी, भोपाल,डॉ. गुरविंदर सिंह बाज, शिक्षाविद, पंजाब,डॉ. दयाशंकर जायसवाल, समाजसेवी, छत्तीसगढ़,एड. डॉ. अजीत महानंद, विधिवेत्ता, कृष्णकांत कुमार, वरिष्ठ मीडिया प्रतिनिधि
सहित अनेक गणमान्य अतिथि रहे। श्रीमती दामिनी साहू का कार्यक्षेत्र अत्यंत व्यापक है महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य जागरूकता शिविर, शिक्षा विस्तार, ग्रामीण नेतृत्व निर्माण और सामाजिक समरसता हेतु लगातार कार्य कर रहे हैं। उनका मानना है कि “सशक्त समाज ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण करता है।”सम्मेलन के संयोजक डॉ. क्रांति महानंद ने बताया कि यह आयोजन उन समर्पित लोगों को राष्ट्रीय मंच पर पहचान देने का प्रयास है, जो मौन परिश्रम से राष्ट्र के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं। श्रीमती दामिनी साहू जैसे व्यक्तित्व, जो जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए हजारों जीवनों को दिशा देते हैं, वास्तव में सम्मान के अधिकारी हैं।
यह आयोजन निश्चित रूप से भारत की विविधता, संस्कृति और सेवाभाव का उत्सव होगा, जिसमें देश भर से बुद्धिजीवी, समाजसेवी, युवा कार्यकर्ता एवं साहित्यकार एक साथ एकत्रित हुआ।

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