इजरायल की सेना इस वक्त गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकियों के खिलाफ जंग लड़ रही है।
इस बीच इजरायल ने गुरुवार को एक और मुस्लिम राष्ट्र सीरिया में बम बरसाए। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में कम से कम 15 लोग मारे जा चुके हैं।
हमला सीरिया की राजधानी दमिश्क के रिहायशी इलाकों में हुआ। कई इमारतें जमींदोज कर दी गईं।
सीरियाई राज्य मीडिया ने बताया कि गुरुवार को दमिश्क में आवासीय भवनों पर इजरायली हमलों में पंद्रह लोग मारे गए और इजरायल ने कहा कि हमलों में सैन्य स्थलों और इस्लामिक जिहाद समूह के मुख्यालय को निशाना बनाया गया।
SANA समाचार एजेंसी ने सीरियाई सैन्य स्रोत का हवाला देते हुए बताया कि जिन इमारतों को निशाना बनाया गया, वे सीरियाई राजधानी के पश्चिम में माज़ेह और कुदसाया के उपनगरों में स्थित थीं।
इजरायल ने सीरिया पर हमला क्यों किया
इज़रायल वर्षों से सीरिया में ईरान से जुड़े ठिकानों पर हमले कर रहा है, लेकिन पिछले साल 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास द्वारा इज़रायल पर किए गए हमले के बाद से उसने ऐसे हमले बढ़ा दिए हैं।
लेबनान के हिज़्बुल्लाह कमांडर और सीरिया में स्थित ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर माज़ेह में रह रहे थे, जो हाल के इजरायली हमलों के बाद भाग गए थे, हमले में कई लोग बी मारे गए थे।
इजरायल ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया
संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों ने चेतावनी दी है कि इजरायली सेना ने सीरिया के साथ संघर्ष विराम समझौते का “गंभीर उल्लंघन” किया है, क्योंकि वह उस तथाकथित अल्फा लाइन के साथ एक प्रमुख निर्माण परियोजना को जारी रखे हुए है, जो इजराइल के कब्जे वाले गोलान हाइट्स को सीरिया से अलग करती है।
यूएनडीओएफ ने बताया कि यह काम जुलाई में शुरू हुआ था और इजराइली सेना ने गाजा पट्टी की इजराइल सीमा पर नई सड़कें और बफर जोन बनाने का काम किया है।
इजरायली सेना ने लेबनान के गांवों को भी ध्वस्त करना शुरू कर दिया है, जहां संयुक्त राष्ट्र के अन्य शांति सैनिक गोलीबारी की चपेट में आये हैं।