रायपुर : उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय प्रशासन विभाग के विभागीय पोर्टल को किया लॉन्च…

www.cguadfinance.in

पोर्टल से योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की मिलेगी जानकारी, प्रभावी मॉनिटरिंग एवं समीक्षा में होगी सहूलियत

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मुंगेली के डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के नए विभागीय पोर्टल www.cguadfinance.in को लॉन्च किया।

उन्होंने पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि इससे शहरी प्रशासन और विकास के कार्यों को ज्यादा पारदर्शी बनाने, निर्माण कार्यों के प्रभावी व त्वरित मॉनिटरिंग तथा उनकी प्रगति की समीक्षा में सहूलियत होगी।

यह पोर्टल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ और 2047 तक विकसित भारत के विजन की दिशा में बड़ा कदम है। इससे हम पेपरलेस प्रशासन और डिजिटल सशक्तिकरण की ओर तेजी से आगे बढ़ेंगे।

विभाग द्वारा इस पोर्टल को विशेष रूप से नगरीय निकायों में संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं व कार्यों की समीक्षा एवं मॉनिटरिंग के लिए विकसित किया गया है।

यह पोर्टल निकायों के कार्यों की निगरानी को सरल और प्रभावी बनाएगा। इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योजनाओं का पूरा लाभ नागरिकों तक पहुंचे। यह पोर्टल डिजिटल इंडिया का दायरा बढ़ाने के साथ ही विभाग को आधुनिक कार्यप्रणाली से जोड़ता है।

इस पोर्टल के उपयोग से न केवल विभाग की दक्षता बढ़ेगी, बल्कि कार्यों की त्वरित मॉनिटरिंग में भी हो सकेगी। पोर्टल की लॉन्चिंग के दौरान मुंगेली के कलेक्टर राहुल देव और पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल सहित जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद थे।

पोर्टल से इन कार्यों में मिलेगी मदद

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के नए शुरू हुए पोर्टल www.cguadfinance.in से विभागीय प्रक्रियाएं डिजिटल और पेपरलेस होंगी, जिससे संसाधनों और समय की बचत होगी। इससे विभाग और नगरीय निकायों की कार्यप्रणाली अधिक पारदर्शी और प्रभावी होगी।

इस पोर्टल के माध्यम से अधोसंरचना मद और 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की प्रगति की मॉनिटरिंग एवं निकायों को जारी राशि की समीक्षा की जाएगी। इससे कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराने में सहायता मिलेगी जिसका लाभ निकायों के रहवासियों को मिलेगा।

पोर्टल से विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा के साथ ही निकायों के आय-व्यय, संपत्ति कर और अन्य करों की वसूली की स्थिति की जानकारी मिलेगी।

इसके माध्यम से विभाग के न्यायालयीन प्रकरणों और उनके समाधान की प्रगति की ट्रैकिंग भी की जाएगी।

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