साउथ कोरिया में यून सूक येओल की सरकार ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाते हुए देशभर में इमरजेंसी मॉर्शल लॉ लागू कर दिया।
देश में मॉर्शल लॉ ऐसे समय में लगाया गया है जब संसद में सरकार और विपक्षी दल के बीच बजट विधेयक को लेकर मतभेद है।
इस फैसले को लेकर राजधानी सियोल में बवाल मच गया है। सड़क से लेकर संसद तक में प्रदर्शन हो रहे हैं। संसद में इस फैसले के खिलाफ मतदान हुआ है।
संसद के ऊपर हेलीकॉप्टर तैनात कर दिए गए हैं। सेना ने कई विपक्षी सांसदों को गिरफ्तार किया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प की खबरें आई हैं।
साउथ कोरिया के राष्ट्रपति राष्ट्रपति यून सूक येओल ने देश के नाम संबोधन में कहा कि विपक्षी सांसद उत्तर कोरिया के इशारे पर देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त है।
जिससे देश में अराजकता का माहौल पैदा हो गया है। उन्होंने विपक्षी सांसदों पर जानबूझकर देश के विकासशील परियोजनाओं के लिए बजट में कटौती करने और देश को पीछे धकेलने का आरोप लगाया।
उनका यह चौंकाने वाला फैसला ऐसे समय में आया है जब सत्ताधारी पीपुल्स पावर पार्टी और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच बजट विधेयक पर मतभेद है।
साउथ कोरिया की नेशनल असेंबली में एकत्रित 190 सांसदों ने इस विधेयक के खिलाफ मतदान किया तथा इसे अवैध घोषित कर दिया।
विपक्षी नेता ली जे-म्यांग का कहना है कि राष्ट्रपति का मॉर्शल लॉ लागू करना पूरी तरह से अवैध है और हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगे।
उधर, साउथ कोरिया में मॉर्शल लॉ लागू होने को अमेरिका ने गंभीर चिंता की बात कहा है। अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट कैम्पबेल ने कहा कि दक्षिण कोरिया के साथ अमेरिका का गठबंधन “अडिग” है।
हालांकि व्हाइट हाउस साउथ कोरिया के घटनाक्रम पर “गंभीर चिंता” के साथ नजर रख रहा है।
उन्होंने कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि साउथ कोरिया में किसी भी राजनीतिक विवाद का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से और कानून के अनुसार किया जाएगा।”