पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने उत्तराधिकारी के बारे में बयान दिया है।
पार्टी के भीतर वरिष्ठ नेताओं और युवा गुट में जारी संघर्ष के बीच पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इसके बारे में फैसला वह खुद नहीं करेगीं।
यह फैसला पूरी तरह से पार्टी के नेतृत्व पर निर्भर करेगा कि कौन पार्टी को बेहतर ढंग से संभाल सकता है। यह पार्टी का सामूहिक फैसला होगा।
बंगाली समाचार न्यूज18 को दिए इंटरव्यू में ममता ने कहा कि पार्टी के ऊपर मेरा कोई व्यक्तिगत प्रभुत्व नहीं है। मैं पार्टी नहीं हूं; हम पार्टी हैं।
तृणमूल कांग्रेस हमारा सामूहिक परिवार है और सामूहिक परिवार में कोई भी निर्णय सामूहिक रूप से किया जाता है।
उन्होंने कहा कि तृणमूल एक अनुशासित पार्टी है, जहां कोई भी व्यक्ति शर्त निर्धारित नहीं करता। यहां नेतृत्व मिलकर फैसला लेता है और फिर सभी उसका सम्मान करते हैं।
पार्टी में उत्तराधिकारी को लेकर उठते सवालों का जवाब देते हुए ममता ने कहा कि पार्टी तय करेगी कि लोगों के लिए सबसे अच्छा क्या है।
हमारे पास विधायक, सांसद, बूथ कार्यकर्ता है, यह सब मिलकर तय करेंगे कि पार्टी का नेतृत्व किसके साथ ज्यादा सही रहेगा।
पार्टी में युवा पीढ़ी या अनुभवी नेताओं को प्राथमिकता देने के बारे में जारी बहस पर बनर्जी ने संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखते हुए कहा कि हर कोई महत्वपूर्ण है। आज जो युवा हैं वही कल वरिष्ठ होंगे इसलिए हमारे लिए और पार्टी के लिए दोनों ही महत्वपूर्ण होंगे।
पश्चिम बंगाल में सालों से सत्ता में बैठीं तृणमूल कांग्रेस के पार्टी संविधान में उत्तराधिकारी घोषित करने की कोई योजना नहीं है। लेकिन पार्टी का मुख्य चेहरा ममता बनर्जी ही हैं।
पार्टी में इस समय उत्तराधिकार को लेकर बहस भी जारी है। मुख्यमंत्री बनर्जी की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी की युवा ईकाई पार्टी को अपने तरीके से चलाना चाहती है।
वहीं दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता और ममता बनर्जी के वफादार नेता पार्टी को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं।