रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की।
इस दौरान दोनों नेताओं ने कहा कि भारत-रूस साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और दोनों देशों के संयुक्त प्रयास कई उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बैठक में सिंह ने कहा, “हमारे देशों के बीच दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है।”
इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूसी राष्ट्रपति से कहा कि भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रखेगा।
सिंह ने राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “राजनाथ सिंह ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।”
सिंह ने अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ सैन्य एवं सैन्य सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 21वें सत्र की सह-अध्यक्षता करने के बाद पुतिन से मुलाकात की। भारतीय रक्षा मंत्री रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।
राजनाथ सिंह ने रूस और भारत के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाने के उद्देश्य से ‘मेक इन इंडिया’ परियोजनाओं में रूसी उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए नए अवसरों पर भी जोर दिया।
सिंह ने मंगलवार को मॉस्को में रूसी रक्षा मंत्री एंड्रे बेलौसोव के साथ सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के 21वें सत्र की सह-अध्यक्षता की।
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-रूस संबंध बहुत मजबूत हैं, और एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की जिम्मेदारियों पर खरे उतरे हैं।
उन्होंने कहा कि 2024 के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो रूस यात्राओं सहित हालिया आदान-प्रदान से संबंध और मजबूत हुए हैं।
सिंह ने घरेलू रक्षा उद्योग की क्षमताओं को सभी डोमेन और औद्योगिक सहयोग में विस्तारित करने के लिए भारत सरकार का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया।
उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ परियोजनाओं में रूसी उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने के नए अवसरों पर जोर दिया। उन्होंने रूस के साथ विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।
रूसी रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास पर आधारित संबंधों को गहरा करने पर जोर दिया। उन्होंने आईएनएस तुशिल के भारतीय नौसेना में शामिल होने पर रक्षा मंत्री को बधाई दी।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-31 के लिए सैन्य तकनीकी सहयोग समझौते के क्रियान्वयन से ‘मेक इन इंडिया’ को आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा।
सिंह ने रूसी मंत्री को 2025 मे 22वें सत्र की सह-अध्यक्षता करने के लिए भारत आने के लिए आमंत्रित किया जिसे स्वीकार कर लिया गया।
अंत में, दोनों मंत्रियों ने सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए 21वीं बैठक के प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए।
बैठक से पहले, रक्षा मंत्री ने सेंट्रल मॉस्को में रूसी रक्षा मंत्रालय में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। इससे पहले, उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मारे गए सोवियत सैनिकों का सम्मान करने के लिए मॉस्को में ‘अज्ञात सैनिक के मकबरे’ पर पुष्पांजलि अर्पित की।