चीन के स्कूलों में अब बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पढ़ाया जाएगा।
चीनी सरकार की ओर से प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने सिलेबस में एआई को शामिल करें।
इसे लेकर कहा गया कि AI उभरता हुआ क्षेत्र है, जहां युवा प्रतिभाओं की काफी जरूरत पड़ने वाली है।
मंत्रालय की ओर से पिछले सप्ताह इसे लेकर सर्कुलर जारी किया गया था। इसके अनुसार, शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों से एआई एजुकेशन में सुधार लाने को कहा है। नई प्रतिभाओं को तरासने और भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए यह जरूरी है।
बीजिंग का प्लान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा में वर्ल्ड लीडर बनने का है। 2018 के बाद से 500 से अधिक चीनी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों ने एआई को प्रमुखता से जगह दी है।
चीन अमेरिका के साथ तकनीकी युद्ध में फंसा नजर आता है। ऐसे में एआई के प्रति बीजिंग का उत्साह काफी बढ़ा है। चीन में चैट-जीपीटी जैसे एआई-संचालित चैटबॉट रोजाना की जिंदगी का हिस्सा बन रहे हैं।
शिक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया, ‘एआई सिलेबस को व्यवस्थित तरीके से लॉन्च करने की जरूरत है। स्कूलों का मूल्यांकन करते समय इसे बड़े फैक्टर के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए।’
‘स्टूडेंट्स को मिलना चाहिए एआई का अनुभव’
सर्कुलर में आगे कहा गया, ‘प्राथमिक विद्यालय के स्टूडेंट्स को AI का अनुभव मिलना चाहिए। एआई के बारे में बुनियादी विचार विकसित करना होगा। साथ ही, हायर ग्रेड के विद्यार्थियों को टेक्नोलॉजी को समझना और लागू करना सीखना चाहिए।
सीनियर हाई स्कूल के बच्चों को एआई से जुड़े नए प्रयोगों के बारे में समझाया जाए। इससे जुड़े नए प्रोजेक्ट्स पर काम होना चाहिए।’
मंत्रालय के अनुसार, स्कूलों की ओर से बच्चों को एआई से जुड़े असाइनमेंट दिए जाने चाहिए। AI बच्चों के प्रोजेक्ट का हिस्सा बने। इसके लिए जरूरी है कि टीचर्स को पहले ट्रेनिंग दी जाए। स्कूल स्तर पर एआई के जानकार टीचर्स होने चाहिए।