
भिलाई/पुण्यश्लोक माता अहिल्या बाई होल्कर की त्रिशताब्दी जन्म जयंती वर्ष के शुभावसर पर संस्कार भारती छत्तीसगढ़ एवं संत श्री गजानन मंदिर हुडको के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे दो दिवसीय कार्यक्रम के आयोजन तहत प्रथम दिन कई आयोजन किये गए। जिसमे प्रातः ११बजे माता अहिल्याबाई के जीवन प्रसंग पर छग़ के ख्याति प्राप्त चित्रकारों के ५५ चित्रों की प्रदर्शनी लगाई गयी जिसे दर्शको ने भरपूर सराहा। इसी सन्दर्भ में शहर के ख्याति प्राप्त चित्रकार गौतम शील एवं मनीष ताम्रकार की देखरेख में बच्चो द्वारा चित्रकारी की कार्यशाला लगाई गई। इसके पश्चात संध्या ६.३० बजे मुख्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस शुभावसर पर मुख्य अतिथि के रूप में गंगाधर जाधव (जिला संघचालक- राष्ट्रीय सवयंसेवक संघ), डॉ. पुरषोतम चंद्राकर (प्रान्त सह महामंत्री), रखी क्षत्रिय (प्रदेश अध्यक्ष संस्कार भारती), जागेश्वर यादव (पदमश्री) जशपुर, कीर्ति व्यास (अध्यक्ष, संस्कार भारती, दुर्ग जिला इकाई ) एवं बसंत कापरे (सन्शथापक गजानन मंदिर, हुडको) थे। सर्वप्रथम अथितियो द्वारा माँ भारती के चित्र के सामने दिप प्रज्जवलन किया गया इस अवसर पर श्रीमती ज्योति शर्मा ने राष्ट्रीय स्वमसेवक संघ का ध्येय गीत ” साधयति संस्कार भारती भारते नवजीवनम,” प्रस्तुत किया. मंच का संचालन डॉ. ज्योति धारकर ने किया. तत्पश्चात कार्यक्रम की शुरुआत “भरथरि शैली” में रानी अहिल्याबाई के जीवन प्रसंग पर प्रांजल सिंह राजपूत एवं साथियो ने प्रस्तुति दी. जिसकी दर्शको ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। तत्पश्चात कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ” पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई ” की प्रस्तुति हुई जिसकी लेखिका कविता विभावरी (मुंबई) है नाटक का निर्देशन श्री निशु पांडेय ( भिलाई) ने किया। कलाकारों में गीता दीक्षित एवं आशा झा (सूत्रधार), नीलिमा सगदेव( अहिल्याबाई), मिनिराज ( लड़की) ,विजय शर्मा (पति), माधवी गुजर (पत्नी),अर्चना जगाम ( वैज्ञानिक ),विकास पाण्डे (तीर्थयात्री),प्रकाश ताम्रकार (गोविन्द पंत गानु),देवेंद्र श्रीवास्तव (शरीफ भाई),पराग भोसले ( सैनिक),आर्या सगदेव (छोटी यात्री) ने सराहनीय भूमिका निभाई। संगीत संयोजन कीर्ति व्यास का था गायक एवं वादक कलाकारों में संदीप बोकिलवार ( हारमोनियम), कीर्ति व्यास ( वायलिन) ऍमआर नायडू (वायलिन) कार्तिक भोसले( तबला).ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। नाटक को दर्शको ने भरपूर सराहा प्रस्तुत नाटक का मुख्या उद्देश्य नई पीढ़ी को रानी अहिल्याबाई के कार्यों, सनातम धर्म एवं आध्यतम से परिचय करना था। तत्पश्चात कार्यक्रम संयोजक हेमंत सगदेव ने अपना उदबोधन दिया. इस अवसर पर संस्कार भारती से अजय डांगे, संजय तनखीवाले,प्रशांत क्षीरसागर, नरेंद्र जैन,ज्योति गुप्ता, तथा ख्याति प्राप्त कलाकारों एवं विशिष्ठा व्यक्तियों ने अपनी उपस्थिति देकर आयोजन को गौरवान्वित किया सभी का सादर आभार।